उत्तर प्रदेश की सियासत में इस समय एमएलसी उपचुनाव की हलचल है। सपा के टिकट पर एमएलसी बने स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव होना है जिसका नामांकन दो जुलाई तक होगा। माना जा रहा है कि सपा इस उपचुनाव से बाहर है। हालांकि अभी तक पार्टी हाईकमान ने इस पर कोई निर्णय नहीं दिया है।विधान परिषद में स्वामी प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र देने से रिक्त हुई सीट के उपचुनाव में सपा अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। विधायकों की संख्या बल काे देखते हुए पार्टी ने अंदरखाने यह निर्णय ले लिया है। उपचुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि दो जुलाई है। हालांकि, अभी तक भाजपा की तरफ से उम्मीदवार कौन होगा इस पर पत्ते नहीं खोले गए हैं।

Featured Image

ने अंदरखाने यह निर्णय ले लिया है। उपचुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि दो जुलाई है। हालांकि, अभी तक भाजपा की तरफ से उम्मीदवार कौन होगा इस पर पत्ते नहीं खोले गए हैं। मौर्य ने फरवरी में दिया था त्यागपत्र स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के साथ ही इस वर्ष 20 फरवरी को विधान परिषद की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था। उनका कार्यकाल छह जुलाई, 2028 तक था। इस रिक्त सीट के उपचुनाव के लिए दो जुलाई तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे। मतदान 12 जुलाई को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा। इसके बाद शाम पांच बजे से मतगणना कराई जाएगी। चूंकि यह सीट विधानसभा कोटे की है। विधायकों की संख्या के हिसाब से इस सीट पर भाजपा की जीत तय है। इस समय विधानसभा में भाजपा के अकेले 249 विधायक हैं जबकि सपा के 103 हैं। भाजपा की सहयोगी अपना दल सोनेलाल के 13, रालोद के आठ, निषाद पार्टी के पांच व सुभासपा के छह सदस्य हैं। वहीं, सपा की सहयोगी कांग्रेस के मात्र दो विधायक हैं। ऐसे में भाजपा गठबंधन के कुल 281 सदस्य हैं जबकि सपा गठबंधन के 105 सदस्य हैं। सूत्रों के अनुसार, वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सपा ने इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार न उतारने का निर्णय लिया है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव करेंगे। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं इस बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात कर एक-दो दिनों में निर्णय ले लिया जाएगा। विधानसभा में विधायकों का हिसाब इस समय विधानसभा में भाजपा के अकेले 249 विधायक हैं जबकि सपा के 103 हैं। भाजपा की सहयोगी अपना दल सोनेलाल के 13, रालोद के आठ, निषाद पार्टी के पांच व सुभासपा के छह सदस्य हैं। वहीं, सपा की सहयोगी कांग्रेस के मात्र दो विधायक हैं। ऐसे में भाजपा गठबंधन के कुल 281 सदस्य हैं जबकि सपा गठबंधन के 105 सदस्य हैं। सूत्रों के अनुसार, वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सपा ने इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार न उतारने का निर्णय लिया है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव करेंगे। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं इस बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात कर एक-दो दिनों में निर्णय ले लिया जाएगा।